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अमरनाथ सोनी अमर

गजल- हिंदी! 

हिंदी हमारी शान है हिंदी हमारी जान है! 
हिंद के हम दूत हैं हिंदी मेरी प्यारी चान है!! 

हिंदी मेरी मातु- पितु है हिंदी में पैदा हुये! 
हिंदी भाषा है हमारी हिंदी मेरी प्रान है!! 

हिंदी भी बोली ठिठोली हिंदी पर हम गर्व है! 
राष्ट्र को भी हिंदी भाषी पर यही गुमान है!! 

राजभाषा है हमारी विस्तार पूरे विश्व में! 
धार्मिक हिंदी हमारी मिलती उन सम्मान है!! 

राष्ट्र भाषा के लिए हम हैं  सभी प्रयास रत!  
इक  दिनों हो राष्ट्र  घोषित मेरे प्रण की ठान है!! 

सूर, तुलसी ,भारतेंदु, कबीर का यही सरताज थी! 
हिंदी  उन्हें थी प्राण  प्रिय भी वह हुयें कुर्वान हैं!! 

मान मर्यादा में रहना धर्म पालन हिंदी है! 
हिंदी से सब सीख मिलती ज्ञान का पहचान है!! 

अमरनाथ सोनी 'अमर'
9302340662

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