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संजय जैन बीना

*मकर सक्रांति का संदेश*
विधा : कविता

राम को जपो श्याम को जपो
जपो ब्रहमा विष्णु महेश को। 
पर मत छीनो लोगों से 
तुम उनके अधिकारो। 
राष्ट्र चरित्र का तुम सब 
कब करोंगे निर्माण? 
बहुत हुआ खेल अब 
जाती धर्म का देश में। 
कुछ तो अब शरम करो 
देश के निर्माताओं।
कितने सारे त्यौहार 
एक तिथि पर पड़ते है। 
जो की अलग अलग 
धर्म वालो के होकर भी। 
एक जैसे ही लगते है
चाहे हो मकरसक्रांति
या हो वो पोंगल आदि। 
फिर क्यों धर्म के नाम पर 
नफरत के बीज वोते हो। 
और देश के भाईचारे को
क्यों मिटाने पर तुले हो। 
नहीं किया जब भेदभाव
उस दुनियां को बनाने वाले ने। 
फिर तुम कैसे मिटा पाओगें
उसकी बनाई दुनियाँ को। 
क्यों लिया जन्म देवीदेवताओं ने
भारत की इस भूमि पर। 
क्यों नहीं लिया जन्म 
उन्होंने किसी और देश में। 
जरा गम्भीर होकर के सोचो 
तुम सब इस मूल बात को।
रघुपति राघव राजा राम
पति के पावन सीताराम। 
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सभी को बुध्दि दे भगवान।
सोच विचारकर करो 
एकता वाले तुम काम। 
तभी अमन चैन शांति
स्थापित देश में हो पायेगीं।। 

सभी देशवासीयों को मकर सक्रांति पोंगल लोहरी आदि की बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं। 

जय जिनेंद्र 
संजय जैन "बीना" मुंबई
14/01/2022

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