विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर मेरी रचना
*हिन्दी मेरा साया*
विधा : गीत
मैं हिन्दी का बेटा हूँ
हिन्दी के लिए जीत हूँ।
हिन्दी में ही लिखता हूँ
हिन्दी को ही पढ़ता हूँ।
मेरी हर एक सांस पर
हिन्दी का ही साया है।
इसलिए मैं हिन्दी पर
जीवन को समर्पित करता हूँ।।
करें हिन्दी से सही में प्यार
भला कैसे करे हिन्दी लिखने
पढ़ने और बोलने से इंकार।
क्योंकि हिन्दी बस्ती है
हिंदुस्तानीयों की धड़कनों में।
इसलिए तो प्रेमगीत भक्तिगीत
हिन्दी में लिखे जाते।
जो हर भारतीयों का
गौरव बहुत बढ़ते है।।
करो हिन्दी का प्रचार प्रसार
तभी तो राष्ट्रभाषा बन पायेगी।
और हिन्दी भारतीयों के
दिलो में बस पायेगी।
चलो आज लेते है
हम सब एक शपथ।
की करेंगे सारा कामकाज
आज से सदा हिन्दी में।
तभी मातृभाषा का कर्ज
हम भारतीय उतार पाएंगे।।
और सच और अच्छे
हम भारतीय कहलाएंगे।
संजय की यह रचना
समर्पित है हिंदी भाषा के लिए।
करो उपयोग हर समय
हमारी हिंदी भाषा का आप।
बहुत बड़ा उपकार होगा
हमारी हिंदी पर उनका।।
विश्व हिंदी दिवस पर सभी पाठकों को बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।
जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" (मुंबई)
10/01/2022
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