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निशा अतुल्य

विश्व हिन्दी दिवस पर 
10.1.2022

विश्व दिवस हिन्दी बना , देखो जग की शान ।
नित भाषा उन्नति करो , बढ़ता जाता मान ।।

जिन बोला तिन ही लिखा , हिन्दी बड़ी महान ।
सरल सुसंस्कृत लेखनी , सदा बढ़ाती मान ।।

निज मन हिन्दी धार कर , हो हिन्दी सम्मान ।
मातृभूमि की आन ये , गौरवशाली जान ।।

देवनागरी की सुता, संस्कृत की पहचान ।
उर्दू बहना बन गई, गंगा जमुनी शान ।।

पश्चिम ने अपना लिया, दे हिन्दी सम्मान  ।
विश्वस्तर पर पढ़ रहे , बढ़ा रहे सब ज्ञान ।।

भाषा हिन्दी है सरल, रहे अलंकृत भाल ।
स्वर व्यंजन के साथ है , सुन्दर जिसकी चाल ।।

निशा'अतुल्य'

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