कर्म ही श्रेष्ठ है
कर्म भाग्य है,कर्म श्रेष्ठ है
कर्म ही है,सबका भगवान
समय देखकर कर्म कर
तब होगा कल्याण।
हर मानव अर्जुन यहां
परम आत्मा है श्री कृष्ण
आत्म ज्ञान से ही हल हुआ है
मन के सारे प्रश्न।
पढ़ी हजारों पुस्तकें
खूब बटोरा ज्ञान
ज्ञान न उतरा कर्म में
तो है बोझ समान।
जिसने जाना स्वयं को
वह साधक बन जाता है
समय देखकर कर्म कर
तब होगा कल्याण।
आज अभी और इसी क्षण में
जीते है जो लोग
उसको भूत भविष्य का
नही लगेगा रोग।
हिम्मत को मत छेड़िए
करता रह अपना कर्म
आखिर बदलेगी तेरी
इक दिन तकदीर।
कर्म भाग्य है,कर्म श्रेष्ठ है
कर्म ही है,सबका भगवान
समय देखकर कर्म कर
तब होगा कल्याण।
नूतन लाल साहू
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