जिसका चरण पखारता , सागर अपने हाथ।
रखवाली करता सदा , हिमगिरि रहके साथ।।1।।
रहन सहन सब भिन्न है , भाषा भले अनेक।
राष्ट्रीभक्ति भर हृदय में , रहते मिल सब एक।।2।।
झेलम कहती है कथा , वीरों का इतिहास।
पोरस की तलवार ने , की यूनानी ह्रास ।।3।।
हिंदी मेरी शान है , हिन्दू तन अभिमान।
झण्डा मेरी आन है , प्यारा हिंदुस्तान ।।4।।
*कुमार@विशु*
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