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ऊषा जैन कोलकाता

*जय हनुमंत* 

केसरी नंदन करें हम वंदन, 
तेरी महिमा का करें गुणगान हो। 
अंजनी के लाला हृदय विशाला, 
बजरंग बली ज्ञान के भंडार हो। 
आये संकट जब तेरे भक्तों पर, 
कर देतें तुम बेड़ा पार हो। 
तुम सा ना कोई भी  वीर है, 
तुम वीरों के वीर महावीर हो। 
जलधि लांघ लंका  पहुंच गयें, 
सीता को  संदेशा पहुंचाया हो। 
लंकेश पुत्र तुम्हे पकड़ने आया, 
तुमनें उसको भी मार गिराया हो
 स्वर्ण लंका दहन कर डालीं , 
टूटा रावण का फिर अभिमान हो
मात सिया से लेकर निशानी
रघुनंदन तक उसे पहुंचाया हो
विहृल हो रहे थे राम प्रभु, 
जाके ढाँढस उनकों बधाँया हो। 
तीर लगा लक्ष्मण को जब
संजीवनी बूटी  तो ले आए हो। 
भ्रातृ शोक में डूबे थे राम प्रभु, 
तुमनें लक्ष्मण के प्राण बचाएं हो। 
तुम तो अतुलित बलशाली हो, 
तुम्हारीं महिमा सबसे निराली हो। 
नय्या डोले जब बीच भंवर में, 
लगा देतें दया की पतवारें हो। 
तेरे चरणों में जो भी आता है, 
अपने कष्टों से मुक्ति पाएं हो। 

🙏🌹 *सुप्रभात* 🌹🙏
ऊषा जैन कोलकाता

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