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मधु शंखधर स्वतंत्र

...सुप्रभातम्...🙏🕉️🌺🌺

*गज़ल*
______________________

दिल में हिम्मत हैं रखते अदावत  नहीं।
बाँटते हैं मुहब्बत ही नफ़रत नहीं ।।

शेर के दाँत गिन ले जो वंशज वही,
डर के रहने की हमको जरूरत नहीं ।।

सामना कोई कर ले मुकम्मल हो गर,
नामुकम्मल में है ऐसी हिम्मत नहीं ।।

देगें मोहलत यदि मान लो तुम खता,
दुश्मनों से भी रखते हैं नफरत नहीं ।।

आसमानों से ऊँचे इरादे मेरे,
जो डिगा दे मुझे ऐसी ताकत नहीं ।।

हम निहारें कभी आरजू से तुम्हें,
कुछ भी पाने की ऐसी तो  आदत नहीं ।।


देश पर जान दे देगी मधु आपकी, 
इससे बढ़कर है कोई  शहादत नहीं ।।
*डॉ .मधु शंखधर स्वतंत्र*
*प्रयागराज*✒️

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