भारत रत्न द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि को स्मरण कराती कवि की रचना देखें.... हिन्द देश के चंचल तारे, मात पिता के राजदुलारे, आँखों के थे अतिशय प्यारे, जय जवान आदर्श तिहारे, जय किसान उद्बोधन वाले। जीवन सादा सदा तिहारे, ऊँच विचार वाले न्यारे। जहाँ कहाँ कस चले गये।।1।। न कुछ कहना न ही सुनना, राह निहारें अपलक नयना। शान्ति दूत अस सुन्दर वयना, आदर्शों पै नित नित बढ़ना।। सिखा गये मिथ्या न बकना ।। वादा करके जाने वाले, छोटे कद के चंचल न्यारे, कहाँ जहाँ जस चले गये।।2।। आये न क्यों जाने वाले, भरतवंश अस राह निहारे। न कोई पाती न ही संदेश, आये न कर काज विशेष। रह गयीं बातें हिय अवशेष, सुनी न तुम्हरी जो लवलेश।। तड़पा करके जाने वाले, आश बँधा के जाने वाले। पथिक नयन निरखैं निन्मेष, न कोई पाती न ही संदेश।। धरि धीरज चंचल मतवाले, जहाँ कहाँ कस चले गये।। 3।। आशुकवि रमेश कुमार द्विवेदी, चंचल। ओमनगर, सुलतानपुर, चंचल।।228001।।। . सम्पर्क ...8853521398,9125519009।।
रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान
रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...
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