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रामनाथ साहू ननकी

प्रीत पदावली  ----
11/01/2022


               ------ अनंत -----

बोलो , मैं कब हारा हूँ ।
विजय पताका सबसे ऊँचा ,
नीलगगन ध्रुवतारा हूँ ।।

घूर्णित जीवन चक्र अनवरत ,
लगता सबको न्यारा हूँ ।
मैं इसकी हर चाल समझता ,
इसीलिए तो प्यारा हूँ ।।

सात समंदर तीन लोकहित
चूना मिट्टी गारा हूँ ।
मति सक्रियता सदा शीर्ष पर ,
अजेय अनंत धारा हूँ ।।

हर घट पर मेरी ही सत्ता ,
श्री मंदिर गुरुद्वारा हूँ ।
व्यास बाल्मिकी पाणिनि नारद ,
मैं ही सदा सँवारा हूँ ।।

सृजन देवता परिचय मेरा ,
मनमौजी बंजारा हूँ ।
नहीं किसी से बैर पुरानी ,
नहीं किसी का यारा हूँ ।।



              ---- रामनाथ साहू " ननकी "
                      मुरलीडीह ( छ. ग. )

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