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डॉ0 निर्मला शर्मा

* होली आई रे *

होली आई रे फागण री मस्ती
 मन में छाई रे--- होली आई रे।
अबिर गुलाल बरस रहे ऐसे,
सावन की बारिश हो जैसे।
हिलमिल सखियाँ खेले होली ,
कान्हा के रंग रँगी रँगीली।
इन्द्रधनुष से रंग है बिखरे,
फागुन में हर रंग हैं निखरे।
होली आई रे-------------।
छम छम पायल बाज रही है,
अधर मुरलिया साज रही है।
मोहन भागे फिरें गलिन में,
राधा गोपी घेरे गलिन में।
रंग प्रीत का डारा पक्का,
जीवन गया न उतरे तन से।
होली आई रे------------।

डॉ0निर्मला शर्मा
दौसा राजस्थान
रंगों के त्योहार होली की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏🙏💐💐

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