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संजय जैन बीना

*रंगो से प्रेम करके देखो*
विधा: कविता

प्रेम मोहब्बत से भरा,
ये रंगों त्यौहार है।
जिसमें राधा कृष्ण का
जिक्र बेसुमार है।
तभी तो आज तक
अपनो में स्नेह प्यार है।
इसलिए रंगों के त्यौहार को,
हर मजहब के लोग मनाते है।। 

होली आपसी भाईचारे
और प्रेमभाव को दर्शाती है।
और सात रंगों की फुहार से,
7-फेरो का रिश्ता निभाती है।
साथ ही ऊँच नीच का
भेद मिटाती है।
और हृदय में सभी के 
भाईचारे का रंग चढ़ती है।।

सात रंगो के ये रबिरंगे
रंग सभी को भाते है। 
और अपनो के दिलो से 
कड़वाहट मिटाते है। 
रंगो में रंग मिलकर
नये रंग बन जाते है। 
आपस में रंग लगाकर 
नये नये दोस्त बनाते है।
और नये भारत का निर्माण 
मिल जुलकर करते है।। 

जय जिनेन्द्र 
संजय जैन बीना मुम्बई
19/03/2022

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