*कान्हा नहीं आए*
कान्हा काहे को इतना सताए।
बाट निहारें है कब से राधा
रो रो नैन गये पथराये।
कान्हा अजहूँ न वापस आये
कान्हा काहे को इतना सताए।
मात यशोदा की ममता रोये
नंद बाबा सुख नींद न सोये।
सूना है नंद बाबा का आँगन
कान्हा तुझे याद ना आए।
कान्हा काहे को इतना सताए। ।
गोपियाँ मटकी लिए खड़ी है
मटकी पर कंकड़ी नहीं पड़ी है।
कान्हा काहे को मटकी न फोड़े
गोपियाँ बैठी है आस लगाए।
कान्हा काहे को इतना सताए।।
🙏🌹 सुप्रभात जी 🌹🙏
*ऊषा जैन कोलकाता*
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