प्रीत पदावली ----
18/03/2022
------ प्रेम रंग -----
प्रेम रंग में डूब चलो अब ।
नववर्ष हमारा हो मंगलमय ,
पथ पर बन नवदीप जलो अब ।।
करो संकलित सारे दुर्गुण क्षय ,
सद्गुरु सद्गुण बीच पलो अब ।
विश्व प्रेम मानवता के हित में ,
शनैः शनेः बन मोम गलो अब ।।
जो हितकर सुकर्म कर पाओ तो ,
साँचे नवीन विमल ढलो अब ।
वैमनस्यता की जले होलिका ,
सद्भावों के पंथ चलो अब ।।
महा मलिनता मार्जन करके मन ,
ईश कृपा के केन्द्र पलो अब ।
समय सफल सुनियोजित ही रखना ,
तज रोना ,मत हाथ मलो अब ।।
और अभी करना श्रेष्ठ कार्य है ,
निज को ज्यादा नहीं छलो अब ।
प्रणी बनो हे सतकर्म पुरोधा ,
किये बहाना कभी टलो मत ।।
---- रामनाथ साहू " ननकी "
मुरलीडीह ( छ. ग. )
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