होली है
मंद मंद चल रे पवन
कलिया तू फूल खिल जा
सबका मनभावन त्यौहार
होली आ गया।
हंसी और उमंग लेकर आया है
खेल होली परिवार के संग में
छोटे बड़े का भेद भुलकर
उड़ा ले अबीर और गुलाल
मंद मंद चल रे पवन
कलिया तू फूल खिल जा।
कितना आनंद आता है
यदि प्रेम से खेलें होली हम
रिश्तों में मिठास और बढ़े
ऐसे खेलें होली हम
मंद मंद चल रे पवन
कलिया तू फूल खिल जा।
बसंत ऋतु का मौसम है
है बहारों की समां
फाग गीत जुरमिल गा लें
उड़ा लें रंग और गुलाल
मंद मंद चल रे पवन
कलिया तू फूल खिल जा
सबका मनभावन त्यौहार
होली आ गया।
नूतन लाल साहू
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