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मेधा जोशी

हाथी घोड़े साथ में, नाचें हर बारात।
ब्याह खिलौना समझ के, दूल्हा दे आघात ।।
भक्त खिलौना इष्ट का, हर पल गाए नाम।
मन मन्दिर की ज्योति से, बनते बिगड़े काम।।
देश खिलौना हो गया,  नेता जब गद्दार ।
जनमन तड़पे आज भी, हर पल हो तकरार।।
पैसें की दुनिया सभी,  कचरे का हैं ढेर।
बिकते नेता वोट में, संग खिलौना सेर।
बने खिलौना प्राण तो, सब बनते अंजान ।
सही कौन पूछे सभी, नवयुग की संतान ।।
मेधा जोशी🙏🏻

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