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अमरनाथ सोनी अमर

विधा-साधना छंद! 

बिषय- हिन्दू वर्ष! 

मात्रिक भार-22.

हिन्दू वासी हिन्दी को अब, अपनाओ! 
यही सभ्यता मूल हमारी, अपनाओ!! 
नये वर्ष जनवरी नही है ,तुम जानो! 
चैत्र मास प्रतिपदा हमारी, तुम मानो!! 

नया वर्ष खुशियाँ बहु लेकर ,आता है! 
नवल प्रकृति का रूप धरा पर, लाता है!! 
धरा करे श्रृंगार शीत को, भगवाये! 
धरे नवल वह रूप पीत ,सारी पाये!! 

कुहुके कोयल डाल मोर वन, नाच करे! 
भौंर करे गुंजार पुष्प का, कान भरे! 
आम बौर से लदा धरा को, नमन्   करे ! 
महुआ कूँची फूल धरा को, दान करे!! 

होली का त्योहार गुलाबी, रस भरता! 
सप्त ऱंग का रंग गाल में, सब मलता!! 
घर- घर में हो फाग गीत सब ,हैं गाते़ं
भाई चारा प्रेम बधाई , सब  पातें!! 



अमरनाथ सोनी "अमर "
9302340662

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