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विजय कल्याणी तिवारी

// लिख दे //
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साथ निभाता है लिख दे
जो कुछ आता है लिख दे ।

कुछ भूखे हैं उनका हिस्सा
कौन कौन खाता है लिख दे।

मना किया उस पथ जाने से
तब क्यों जाता है लिख दे ।

उनके आँसू देख देख कर
क्या सुख पाता है लिख दे।

कुत्सित बड़ा आचरण तेरा
नित कीर्तन गाता है लिख दे।

खुद की समझ अधूरी है
सबको समझाता है लिख दे।

जन मन के आँखों में आंसू
खुद को भाता है लिख दे ।

बौने लोग सभी सम्मुख के
बस तू ज्ञाता है लिख दे ।

ईश कौन है तेरा प्रिय वर
किसको ध्याता है लिख दे।

सबके हिस्से का खाकर भी
नही आघात है लिख दे ।

विजय कल्याणी तिवारी
बिलासपुर छ.ग.

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