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नूतन लाल साहू

दाता एक राम

माया मोह में फंसा है बांवरे
मकड़ी जैसा है जाल
जिस घर में हो प्रभु श्री राम जी की पूजा
वह घर बैकुंठ धाम।
सौप दे नैया प्रभु श्री राम जी को
वो ही भवसागर पार लगा देंगे
दाता एक राम
पुजारी सारी दुनिया।
पापी से पापी को भी
करते नही इंकार है
जायेगा उस पार तू कैसे
हर तरफ अंधकार है।
जीवन नैया सौप प्रभु जी को
शरणागत की रक्षा करते है,हर पल
दाता एक राम
पुजारी सारी दुनिया।
त्रेता युग में राम बना
द्वापर में घनश्याम बना
बड़े भाग्य हम भक्तों के
साक्षात प्रभु जी का दर्शन हुआ।
मेरा ना आसरा है कोई
मेरा सहारा नही है कोई
दाता एक राम
पुजारी सारी दुनिया।

नूतन लाल साहू

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