*चैत्र प्रतिपदा क्यों पावन तिथि है*
इसी तिथि को ही शुरू किए हैं रचना,
सृष्टिनिर्माता सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी।
ये कितनी पावन पुण्य तिथि सनातन,
हिन्दू धर्म संस्कृति की माने ब्रह्मा जी।
चैत्रमास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि है,
विक्रम सं.2079अनल नाम संवत्सर।
शक संवत1944 व युगाब्द5124 है,
हिन्दू धर्म में नया वर्ष है नव संवत्सर।
ऋतु बसंत बयार अयन उत्तरायण है,
नक्षत्र रेवती दिन शनिवार तदनुसार।
आंग्ल दिनांक 2 अप्रैल 2022 तिथि,
शुभ - मंगलमय हो सबको सपरिवार।
विशेष वासंतिक नवरात्रारम्भ हुआ है,
कलश स्थापना करके बाँधे बंदनवार।
देवीमैया की पूजा अर्चना वंदना शुरू,
माँ की कृपा बरसने का है ये त्यौहार।
भारत में मान्य नव वर्ष संवत्सरों में है,
प्रचलित संवत्सरों का है प्रथम दिवस।
महाराज विक्रमादित्य द्वारा प्रारम्भ ये,
विक्रमी संवत का है यह प्रथम दिवस।
चैत्र मास में यह शुभ पर्व पड़ने से ही,
सब कहते इसे हैं ये शुभ चैत्र नवरात्र।
ऋतु बसंत में ये शुभ पर्व पड़ने से ही,
कुछ कहते इसको वासंतिक नवरात्र।
धर्मराज युधिष्ठिर का राजतिलक भी,
महाभारत बाद हुआ था इसी दिवस।
इसी दिन पैदा हुए हैं देश में संत एक,
संत झूलेलाल जी का ये जन्मदिवस।
वनवास पूर्ण कर लौटे अयोध्या जब,
प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक दिवस।
सिक्खों के द्वितीय गुरु का शुभ दिन,
गुरु अंगददेव जी का यह जन्मदिवस।
इसदिन महर्षि दयानंद सरस्वती किए,
आर्य समाज का यह स्थापना दिवस।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक,
डॉ.केशव बलि.हेडगेवार जन्मदिवस।
युगादि दिवस भी इसे कहा जाता है,
आज ही ये शुरू हुआ युगादि दिवस।
गुड़ी पड़वा भी आज के दिन है होता,
सबको बधाई यह गुड़ी पड़वा दिवस।
वंदेमातरम जय माँ भारती जय माता,
जय माता दी जय-3 हो भारत माता।
रचयिता :
*डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़,यू.पी.
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