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लेखक श्याम कुंवर भारती

*कहानी *

*जूही की महक*    भाग -5

लेखक - श्याम कुंवर भारती

जूही ने कहा चलो कही धूप में बैठते है थोड़ी बात चीत करके फिर वापस चलेंगे।सुधीर ने कहा ठीक है मैडम।
दोनो थोड़े दुर पर एक सीमेंट की बनी बेंच पर बैठ गए।बात जूही ने शुरू किया - तुम हमेशा कम बोलते हो या मेरे साथ हो इसलिए ।नही मैडम आप बोलिए न मैं सुन रहा हूं सुधीर ने जल्दी से कहा।
तुम नहीं पूछोगे मगर मैं खुद ही अपने परिवार के बारे में बताती हूं।मेरे परिवार में मेरे माता पिता और तीन छोटी बहने है।मेरी पढ़ाई लिखाई सच कहो तो मेरी मां ने ही कराया है।मेरे पिताजी एक किसान है ज्यादा खेती बाड़ी  नही है।मेरे पिता की एक एक्सीडेंट में एक हाथ और एक पैर डैमेज हो जाने से उनसे कोई बड़ा काम नही हो पाता है ।इसलिए मेरी मां ने सब्जियां उगाना शुरू किया। मां के काम में हम चारो बहने मदद करती थी।सब्जियों से अच्छी आमदनी हो  जाती थी।व्यापारी खेत से ही सब्जियां खरीद ले जाते थे।लाभ होने पर मेरी मां दूसरे किसानों की जमीन भाड़े पर लेकर सब्जियां उपजाने लगी।इंटर पास करने के बाद मैने एक प्राइवेट स्कूल में टीचर के रूप में पढ़ाना शुरू किया और खुद भी पढ़ती थी।घर ठीक चल रहा था ।मेरी तीनों बहनें भी सरकारी स्कूल में पढ़ने लगी।लेकिन मेरी मां को शुगर और हार्ट की बिमारी ने घर का बजट बिगाड़ दिया ।सरकारी अस्पताल में इलाज तो फ्री हो जाता था मगर दवाइयां बाहर से लेनी पड़ती थी।कई डॉक्टरों से दिखाया मगर ठीक नहीं हो रही थी।बाद में थोड़ा आराम तो हुआ मगर डॉक्टर ने कहा जिंदगी भर दवा  खानी पड़ेगी ।जब तक दवा खायेगी ठीक रहेगी मगर बंद करते ही फिर बिमारी बढ़ जायेगी।मां को डॉक्टर ने हल्का फुल्का काम करने का सलाह दिया ।मेरे पापा केवल खेतों की देखभाल करते थे बाकी काम हम सभी बहनों को ही करना पड़ता था। इस तरह मेरे पूरे परिवार की जिम्मेवारी मुझपर  ही आ गई ।आजतक निभा रही हूं। मुझे ही अपनी तीनो बहनों की पढ़ाई लिखाई करानी है फिर विवाह भी करना है।
इस नौकरी के लिए मुझे बड़ी मुश्किल हुई। परीक्षा की तैयारी  मां का इलाज और पापा की देखभाल करना पैसे भी कमाना  तीनो बहनों को भी संभालना बड़ा मुश्किल होती थी फिर भी मैंने हिम्मत नही हारी ।तैयारी करती रही ।लेकिन इस दरम्यान खेती बाड़ी का काम बंद हो गया। लाचार होकर मेरी मां को मेरे मामा जी से कर्जा लेना पड़ा। अंततः भगवान ने साथ दिया मेरी परीक्षा सफल हुई और मेरा चयन हो गया।
सुधीर को जूही की कहानी सुनकर बड़ा दुख हुआ और गर्व भी की जूही एक संघर्ष शील लड़की है ।समस्यायो से घबड़ाती नही बल्कि उनका मुकाबला करती है।
अब घर और खेती बाड़ी की क्या स्थिति हैं मैडम सुधीर ने पूछा।
चयन होने के बाद मैने कुछ महिला मजदूरों को खेती बाड़ी में लगा दिया है मेरा भी काम हो जायेगा और उनको भी एक रोजगार मिल जायेगा।
मुझे दो तीन महीने लगेंगे घर का कर्जा भरने में जूही ने गंभीर होकर कहा।
इतने दिन क्यों मैडम अब तो आप वीडियो हो गई है अब आपको पैसे की क्या कमी है सुधीर ने पूछा।
मेरी तनख्वाह क्या लाखो रुपए है।दूसरी बात मैं एक रुपया किसी से कोई घुस या कमीसन नही लेती हूं । नियम के मुताबिक जो काम सही होता है मैं तुरंत कर देती हूं खासकर गरीबों का तो मैं खुद ही बुला बुला कर करती हूं क्योंकि मैं भी तो एक गरीब परिवार से हूं।मुझे गरीबों के दुख का अंदाजा है ।
जी मैडम मुझ आप पर गर्व महसूस हो रहा है ।सुधीर ने जूही की तारीफ करते हुए कहा। थैंक यू सुधीर ।मगर मुझे मैं हनेसा वीडियो बनकर ही नही रहना चाहती हूं । पहले घर के हालत सुधार लूं फिर आगे की भी पढ़ाई पूरी करना चाहती हूं  ।मेरा सपना आई ए एस अफसर बनना है।जूही ने अपना सपना सुधीर को बताते हुए कहा।
वाह बहुत सुंदर मैडम भगवान आपकी इक्षा जरूर पूरा करे। अगर आपका सपना पूरा हो गया तो आप आम लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनेंगी ।
मुझे तुम्हारी बाते सुनकर बड़ी हिम्मत मिल रही है सुधीर थैंक यू ।
लेकिन मैं अकेले नही बनना चाहती हूं ।अब मेरे साथ तुम भी सामिल हो गए हो सुधीर तुम्हे भी तो आई पी एस अफसर बनना है न ।
अचानक सुधीर ने घड़ी देखते हुए कहा मैडम शाम के सात बज चुके है ।देखिए बात चीत में समय का ध्यान ही नही रहा।
जूही ने कहा ठीक कहा तुमने सुधीर फिर उसने अपने चारो तरफ नजर उठा कर देखा शाम का धुंधलका बढ़ चुका था।ठंड बढ़ गई थी। पार्क में इक्का दुक्का ही लोग रह गए थे।ठीक है चलो चलते है।जूही ने कहा और उठ खड़ी हुई और सुधीर भी खड़ा हो गया।
जल्दी चलिए मैडम काफी देर हो गई है।अब पार्क के भी बंद होने का समय हो गया है ।
दोनो जल्दी जल्दी पार्क के गेट की तरफ बढ़ने लगे ।जूही ने ठंड का अनुभव किया।सुधीर मुझे बहुत ठंड लग रही है ।कही चाय मिलेगी क्या ।चाय पीने से थोड़ी राहत होती ।जी मैडम आप गाड़ी में बैठिए मैं आपको यहां की सबसे बेहतरीन चाय चौक पर पिलाता हूं उसने बोलेरो गाड़ी की पिछली सीट का दरवाजा खोलते हुए कहा।लेकिन जूही ने आगे वाली सीट का दरवाजा खोलकर  कहा मैं आगे ही बैठूंगी तुम चलो गाड़ी स्टार्ट करो।
सुधीर ने वैसा ही किया ।गाड़ी स्टार्ट करके उसने आगे बढ़ा दिया।चौक पर जाकर उसने सड़क के किनारे गाड़ी रोक दिया और कहा आप बैठे रहिए मैडम मैं दुकान से चाय लेकर आता हूं। जूही ने हां में सिर हिला दिया।थोड़ी देर में सुधीर मिट्टी की प्याली में चाय ले आया और जूही को पकड़ा दिया।तुम भी अपनी चाय लेकर आओ जूही ने उसके हाथ से चाय लेते हुए कहा ।जी मेडम इतना कहकर सुधीर वापस चला गया और अपनी चाय लेते आया ।जूही ने चाय पीते हुए कहा चाय वाकई बहुत अच्छी है बड़ा आराम लग रहा है मगर तुमसे बेहतर नही है उसने मुस्कुराते हुए कहा।सुधीर भी हंसने लगा।थैंक यू मैडम।
तभी बादल के गरजने की आवाज आने लगी ।लगता है आज फिर बारिश होने वाली है जल्दी चाय पीजिए मैडम यहां से निकलना पड़ेगा। सुधीर ने जल्दी जल्दी चाय पीते हुए जूही से कहा।
तुम इतना परेशान क्यों हो रहे हो सुधीर हमारे पास गाड़ी है और सबसे बड़ी बात है तुम साथ में हो और  जूही हंसने लगी।
ऐसी बात नही है मैडम रास्ते में जंगल पड़ता है एक तो पानी बरस गया गाड़ी चलाना मुश्किल होगा दूसरा अगर गाड़ी खराब हो गई तो दिक्कत हो जायेगी सुधीर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा।
अच्छा लो चाय के पैसे देकर आओ और चलो जल्दी जूही ने सुधीर को पचास रुपए का नोट देते हुए कहा।
अब इतना शर्मिंदा न करे मैडम मैने चाय का पैसा दे दिया है सुधीर ने ड्राइविंग सीट पर बैठकर गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा।
चलो ठीक है  जैसी तुम्हारी मर्जी।
दोनो दो तीन किलोमीटर ही गए होंगे की जोरो की बारिश शुरू हो गई।एक तो शाम का ठंड का मौसम ऊपर तेज ठंडी हवाओं के साथ जोरदार बारिश जूही ठंड से कांपने लगी । सुधीर ने कहा मैडम आप अपनी खिड़की का सीसा ऊपर चढ़ा ले बारिश के झोंको से आप भींग जायेंगी ।आपको सर्दी लग जायेगी।
थोड़ा भींगने दो न सुधीर मुझे बारिश के पानी में भीगने में बड़ा मजा आता है।जूही ने सुधीर को देखकर मुस्कुराते हुए कहा ।
सुधीर अंदर से परेशान होने लगा था अजीब जिद्दी लड़की है भला कोई कहेगा ये वीडियो है।बच्ची जैसी हरकत कर रही है।मगर उसकी शख्सियत से वो प्रभावित भी था ।उसने जूही को समझाते हुए कहा मैडम जिद  मत कीजिए सीसा चढ़ा लीजिए ये बरसात का मौसम नही है जाड़ा में बारिश हो रही है आप बीमार हो जाएंगी।
बीमार हो भी जाऊंगी तो क्या तुम  जो हो मेरा इलाज कराने के लिए। जूही ने मजाक करते हुए कहा।
 अरे यार आज कहा फंस गया अब मैं कैसे समझाएं इनको सुधीर ने मन ही मन झल्लाते हुए सोचा।अभी थोड़ी देर पहले कितना गंभीर लग रही थी और अभी देखो हद कर रही है ।
सुधीर ने जल्दी पहुंचने के चक्कर में एक्सीलेटर पर पैर दबाना शुरू कर दिया।गाड़ी तूफान स्पीड में भागी जा रही थी।
जूही आधा भींग चुकी थी मगर सीसा बंद नही किया और छींकने लगी।देखिए लग गई न सर्दी  आपको।सुधीर ने चिंता जाहिर करते हुए।देखा जूही कांप भी रही थी उसने गाड़ी रोक दिया और हाथ बढ़ाकर सीसा ऊपर चढ़ा दिया और अपना लेदर का जैकट देते हुए मैडम कोई ऐतराज न हो तो लीजिए मेरा जैकेट ओढ़ लीजिए आपको थोड़ा आराम लगेगा ।जूही ने बिना कहे उसका जैकेट ले लिया और अपने ऊपर ओढ़ लिया सुधीर ने राहत की सांस ली और गाड़ी स्टार्ट कर फूल स्पीड में दौड़ा दिया।अभी वे दोनों जंगल के रास्ते से गुजर रहे थे बाहर काफी अंधेरा था।बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी।
सुधीर गाड़ी भगाए जा रहा था तभी गाड़ी ने झटका लेना शुरू किया और कुछ दूर जाकर रुक गई ।सुधीर ने कई चाबी घुमाकर स्टार्ट करने का कोशिश किया मगर गाड़ी स्टार्ट नही हुई।उसने परेशान होकर जूही की तरफ देखा वो अपना सिर सीट पर टिका कर आराम से सो रही थी। कमाल है यार इतनी बारिश में जंगल में गाड़ी खड़ी हो गई है और मैडम बेफिक्र होकर आराम सो रही हैं ।उसने मन ही मन सोचा।मगर उसका चेहरा  बड़ा मासूम लगा ।उसपर उसे नाज भी था और एक जवान लड़की को उसपर इतना विश्वाश देखकर उसे खुद पर भी गुमान हुआ।उसने उसे सोने दिया  ।उसने अपने एक दोस्त को फोन लगाया ।फोन लगते ही उसने सब बताते हुए पूछा तुम तो गाड़ी मेकेनिक हो यार बताओ क्या करूं।उसके दोस्त ने बताया हो सकता गाड़ी के कार्बोरेटर में कचड़ा आ गया हो जिससे तेल इंजन तक नही पहुंच पा रहा है इसलिए गाड़ी बंद हो गई हैं  ।फिर उसने कुछ उपाय बताते हुए कहा तुम गाड़ी का बोनट इस तरह से खोलो ताकि वर्षा  का पानी इंजन पर न पड़े  और जैसा बताए है कर के देखी अगर स्टार्ट हो गई तो ठीक है वरना मैं दूसरी गाड़ी लेकर आ जाऊंगा गाड़ी को टोचन कर ले आयेंगे तुम चिंता मत करो।
सुधीर ने गाड़ी का गेट खोल दिया और बाहर आ गया पानी में भींगते हुए उसने वैसा ही किया जैसा उसके दोस्त ने बताया था और फिर बोनट बंद कर ड्राइविंग सीट पर आकर बैठ गया और गाड़ी स्टार्ट किया है वो बहुत खुश हुआ गाड़ी स्टार्ट हो चुकी थी उसने अपने दोस्त को बता दिया की गाड़ी स्टार्ट हो चुकी है वो चिंता न करे ।
अचानक जूही फिर छिकने लगी और उसकी नींद टूट गई  और सुधीर की तरफ देखकर बोली अरे तुम इतना भींग कैसे गए सुधीर । सुधीर ने जब कारण बताया तो वो उसे डांटते हुए बोली  अरे तो तुमने मुझे जगाया क्यों नही ।
मैने आपको जगाना सही नही समझा मैडम और आप चिंता न करे सब ठीक है आप आराम से बैठे।
करीब आधे घंटे में सुधीर अपने घर पहुंच गया ।घर पर उसकी मां और भाई बहन उसका इंतजार कर रहे थे।उसकी मां ने देखा जूही और और सुधीर दोनो पानी में भीग चुके है उसने कारण पूछा ।सुधीर ने कहा मां रास्ते में गाड़ी खराब हो गई थी इसलिए हम दोनों भींग गए तुम चिंता मत करो।
सुधीर की मां ने जूही से कहा जूही बेटी तुम अंदर जाकर मेरी साड़ी पहन लो तबतक मैं खाना लगाती हूं खाना खाकर अपने घर जाना ।
नही आंटी मैं ठीक हूं जूही ने कहा और फिर छींकने लगती है उसके आंख नाक से पानी बहने लगा था।
उसके ना करने पर सुधीर ने धीरे से उसके कान मे कहा मेरी मां आपसे कम जिद्दी नही है ।चुप चाप जाकर कपड़े बदल ले खाना खा ले ।मां आपको हल्दी दूध उबाल कर दे देगी और तेल गर्म करें लगा भी देगी आपकी बहुत आराम लगेगा मैडम । कल शुवह आपको आपके घर छोड़ दूंगा ।अगर नही मानी तो आप मेरी मां की डांट सुनेगी।
जूही मुस्कुराकर बोली ठीक है आंटी ।
शेष अगले भाग 6 में।
नोट - कहानी का यह भाग आपको कैसा लगा कृपया अपनी राय अवश्य देंगे ।
धन्यवाद।
लेखक श्याम कुंवर भारती

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