सुप्रभात संग आज का विचार :-
ख़ामोशी ने ख़ामोशी से
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छत्र छाजेड़ “फक्कड़”
इधर
खोमोश नजर
उधर
ख़ामोश अधर....
फिर भी
सब कुछ कह डाला
ख़ामोशी ने
ख़ामोशी से....
क्या कहा
क्या सुना
पर
कर गया प्रकंपित
मन को...
और हुआ
एक अहसास
मृदुल छुअन का
सतरंगी रंगों का
और
हुआ
एक स्तंभन
एक संप्रेषण
एक संवेदन
कर गया मुदित
मन को.......!
प्रबुद्ध पटल को नमन
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