इस तरह मोहब्बत का इजहार करेंगे,
सजदा तेरे दर पर हम बार-बार करेंगे।
यकीं करते रहे हम उनके इस दावे पर,
कि मोहब्बत सिर्फ एक ही बार करेंगे।
वादा किया था उसने सोने से पहले,
कि इंतजार तेरा हम रात भर करेंगे।
चल यहीं रख दे तेरी वादों की दुकान,
क्या पता था वही वादा बार-बार करेंगे।
कैसे याद रखें सूरत तेरी तू ही बता दे,
नए नकाब मैं हम तुझे हर बार मिलेंगे।
कर लिया था भरोसा हमने तेरे सच पर,
पता न था वही फरेब हमें हर बार मिलेंगे।
चल बुझा दे उम्मीद की लौ भी तू आज,
धुआं बन चिराग में हम हर बार जलेंगे।
अजय आवारा
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें