*जुमले क्या होते है।*
विधा : कविता
किसी बात को कोई
कितना सुन सकता है।
और उसकी भावनाओं में
कब तक वाह सकता है।
पर जब मालूम पड़ेगा की
ये सब तो एक छलावा था।
और अपने फायदे के लिए
जनता को फसाया था।।
समझो आम इंसानो को
वो कैसा जीवन जीते है।
और क्या क्या उन लोगों की
जरूरतें आम होती है।
इन्हीं सब बातों का वो
विशेषज्ञो से पता करवाते है।
फिर उन्हीं बातों को वो
अपना हथियार बनाते है।।
बेचारी भोली-भाली जनता
इनके जाल में फस जाती है।
फिर जीतकर जंग ऐसे लोग
उन बातों को जुमले बताते है।
और झूठ के बल पर ये
सत्ता पर बैठ जाते है।
और देश व देशवासियों को
चारों तरफ से लूटते है।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
08/04/2022
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