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डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी

*मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम*

सर्वोच्च सम्मान के सिंहासन पर आसीन एक सुदृढ़ व्यक्तित्व जिसकी हर क्रिया सम्पूर्ण समाज के लिए आदर्श रूप में अनुकरणीय हो जाती है वह है - मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।हर स्थिति में जो समनंजनक स्थिति को प्राप्त हो-वह राम के अतिरिक्त भला और कौन हो सकता है?माता-पिता के लिये आदर्श पुत्र, भाइयों के लिये आदर्श भ्राता, पत्नी के लिये आदर्श पति, गुरु के लिये आदर्श शिष्य, प्रजा के लिये आदर्श राजा, समूची जनता के लिये आदर्श जन-मन तथा सम्पूर्ण समाज के लिये सर्व ग्राह्य, सर्व स्वीकार्य पुरुष श्री राम एक इष्ट देव के रूप में सदैव अमर रहेंगे।
     राम शब्द स्वयमेव आदर्श का पर्याय बन गया है।राम वह परम पवित्र अस्तित्व है जो सर्व व्यापक, सर्व कालिक और सदैव प्रासंगिक अवधारणा के रूप में समग्र जनमानस में विराजमान है और अनंत काल तक विद्यमान रहेगा।
     राम एक मधुर, प्रशांत, धीर-वीर-गंभीर, ज्ञान और वैराग्य का वह सिद्धांत सूत्र है जिसका अनुगमन कर आत्मोत्थान के शिखर तक पहुँचा जा सकता है।श्री राम एक सम्पूर्ण मानव के प्रतिनिधि  हैंऔर स्वयं में सम्पूर्णता के द्योतक हैं।इसलिए श्री राम को जानना, उन्हें समझना,उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का अध्ययन करना सकल विश्व मानस के लिये आवश्यक है।
     श्री राम त्याग की वह साक्षात मूर्ति हैं जो जनकल्याण के लिये हमेशा समर्पित है।श्री राम की पहचान अयोध्या से नहीं, अपितु राम से अयोध्या की पहचान है।
*जहाँ राम हैं, वहीं अवध है।*
     श्री राम अपने भक्तों के लिये भगवान हैँ।केवट की भक्ति, सबरी की भक्ति,जटायु और विभीषण की भक्ति से खुश हो कर भगवान राम ने उन्हें सब कुछ दे दिया।किसी को सुख और आनंद, किसी को अपना स्वरूप, किसी को विष्णु लोक तो किसी को लंका का राजपाट ही अर्पित कर दिया।यहाँ तक कि सभी राक्षसों का वध कर उन्हें भी मोक्ष प्रदान किया।रावण तक को अपना धाम-मोक्ष धाम-विष्णु धाम तक पहुँचाया है।ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम आदर्श शिरोमणि भगवान श्री राम के चरणों से जिसे अनुराग और स्नेह-प्रेम नहीं है, वह व्यर्थ ही अपनेआप को मनुष्य कहता है।
*लेखक':*

*डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी, हरिहरपुर-वाराणसी 221405*
*मोबाइल नम्बर:9838453801*

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