प्रीत पदावली ----
09/04/2022
----- लाडली -----
भूल गये सब निठुराई ।
जब से घर में आई बेटी ,
ममता ने ली अँगड़ाई ।। 16/14
हँसता उपवन महकी कलियाँ ,
जब देखी वो लरकाई ।
भाग्योदय है नये क्षितिज से ,
नियति भी मधुर मुस्काई ।।
लगता है खुशियों का गुच्छा ,
घर मेरे चलकर आई ।
हिय परिवर्तित शुद्धि बुद्धि अब ,
शुचिता मन को भाई ।
वैचारिक तब्दीली संभव ,
बिसरे सब महा ढिठाई ।
अब रक्षा के भाव जगे हैं ,
तू पिता कर्म सिखलाई ।।
दाता तूने बेटी दी है ,
लख लख कोटि तेरी दुहाई ,
सुख पाया हुआ प्रतिष्ठित ,
होती है जगत बड़ाई ।।
---- *रामनाथ साहू* *" ननकी "*
*मुरलीडीह* *( छ. ग. )*
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