प्रीत पदावली ----
04/04/2022
------ विषकंद -----
मन महामलिन मतिमंद हुआ ।
मद मतंग मदगर्वित मदकल ,
विषयी विषाणु विषकंद हुआ ।।
अति अशिष्ट अय अयन अँधौटी ,
फूहड़ फरीक फरफंद हुआ ।
ताम तामसिक तनय तरंगित
भट्ट भूमिशायी व्यंद हुआ ।।
व्यर्थ व्यंग्य के वाण चलाकर ,
छरछराहटी छल छंद हुआ ।
पछतावा प्रत्येक पगों पर ,
थिरक थिरक महती स्पंद हुआ ।।
चिर चंचलता चरम चपलता ,
गर्वित गवेषण गयंद हुआ ।
अपनी निर्लज्जता जानकर
निज कारागृह में बंद हुआ ।।
क्षमाशील से क्षमा माँग ले ,
मूरखमति तू आसंद हुआ ।
ननकी न्याय नीति पथ धर ले ,
तज जिस पर अति बुलंद हुआ ।
---- *रामनाथ साहू* *" ननकी "*
*मुरलीडीह* *( छ. ग. )*
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें