*।।रचना शीर्षक।।*
*।।जिंदगी किसीके लिये अभिशाप*
*किसी के लिए वरदान होती है।।*
*।।विधा।।मुक्तक।।*
1
यह छोटी सी जिंदगी पर
इतना तूफान क्यों है।
यहाँ सब कुछ सब मिले
इतना अरमान क्यों है।।
चैन सुकून प्यार महोब्बत
को दो तुम पहला दर्जा।
नफरतों का दिल में भरा
यह सामान क्यों है।।
2
झूठ के आगे सच का यह
अपमान क्यों है।
सच्ची सेवा पर लगा यह
खूब लगान क्यों है।।
मिलजुल कर ही रहो सब
लोग दुनिया में।
इस हंसी खुशी के उलट ये
जारी फरमान क्यों है।।
3
प्रेम की बोली के बदले घृणा
का सम्मान क्यों है।
पल पल बदले फितरत ऐसा
इंसान क्यों है।।
किसी के साथ करके देखो
तुमअच्छा हीअच्छा।
आएगा समझ में कि संगसाथ
का मान क्यों है।।
4
जान लो हर समस्या साथ में
लिए समाधान होती है।
मत बनाओ मुश्किल इसे कि
जिंदगी आसान होती है।।
अच्छा सोचो अच्छा करो मिल
जाएगा परिणाम अच्छा।
तभी किसी के लिए अभिशाप
किसीको वरदान होती है।।
*रचयिता।।एस के कपूर"श्री हंस*"
*बरेली।।*
*©. @. skkapoor*
*सर्वाधिकार सुरक्षित*
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