हे योगेश्वर.........
हे योगेश्वर प्रभु परमेश्वर , पूर्ण प्रणाम प्रभंजन हो।
जय अखिलेश्वर श्री सर्वेश्वर प्राणाधार निरंजन हो॥
ब्रजवासी मधुसूदन हो..........
हे योगेश्वर.........
बैकुण्ड बिहारी , सुदर्शन धारी , वत्सल भक्त खरारी प्रभो।
दीन दयालु कृपालु हो भगवन, दुखिया जन हितकारी प्रभो॥
आदि अनादि विराट सूक्ष्म मय,
प्रभु जी अलख निरंजन हो॥
हे योगेश्वर.........
सृष्टा दृष्टा व्यापक कण- कण , निराकार साकार रमे।
जड़ जंगम चेतन के स्वामी , गतिमान सृष्टि लय कहाँ थमें॥
सुनो द्वारिकाधीश आर्तस्वर,
नाथ तुम्हीं भव मंजन हो॥
हे योगेश्वर.........
गोपिन का महारास तुम , नंद दुलारे तुम छैया।
उठा पार्थ गीता गुह्य सुनकर, तुम ही छलिया धेनु चरैया॥
विप्र सुदामा मीत वैष्णव,
कमलनयन सुखरंजन हो॥
प्रखर दीक्षित
फर्रुखाबाद
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