उससे हम क्यों भला दिल लगाया करें।
जिसके भाई पहलवानी कराया करें।।
उसका चेहरा भी चांद सा प्यारा लगे,
पर भाई उसके हैं जैसे अंगारा जले।
प्यार में पड़ गये तो जां चली जायेगी,
ऐसे रिश्ते से बचके किनारे चलें।।
दिल को क्यों बेवजह तड़पाया करें?
जिसके भाई पहलवानी कराया करें।
उस गली में कदम क्यों रखें हम कभी,
जिसके भाइय ने घूरा डरे हम सभी।
हिम्मत तो थी पर थी जां भी तो प्यारी,
उसके भाई हैं अखाड़े के अधिकारी।
अपनी हड्डियां क्यों तुड़वाया करें?
जिसके भाई पहलवानी कराया करें।।
प्यार में पड़ गये तो बड़ा रिस्क है
उसके भाई जमीं के खिसका डिस्क है।
फंस गये जो अगर तो गए काम से,
भाई उसके निपट लेंगे बड़े आराम से।
हम जवानी को यूं ही क्यों जाया करें,
जिसके भाई पहलवानी कराया करें।।
उससे हम क्यों भला दिल लगाया करें।
जिसके भाई पहलवानी कराया करें।।
- दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल
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