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हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर कविता "कोटि-कोटि नमन करता हूँ, लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का" पत्रकार बन्धुओं को समर्पित साथ ही हार्दिक शुभाकमनएं और बधाई।

हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर कविता "कोटि-कोटि नमन करता हूँ, लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का" पत्रकार बन्धुओं को समर्पित साथ ही हार्दिक शुभाकमनएं और बधाई।

'हिन्दी पत्रकारिता दिवस' 
           30 मई पर एक कविता 
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आज ही का शुभ दिन जब 
पहला हिन्दी अखबार छपा, 
हिन्दी भाषी लोगों में जब 
जुगुल किशोर का प्यार छपा। 

हिन्दी पत्रकारिता दिवस की 
हिन्दी जगत् को बहुत बधाई, 
हिन्दी के दुर्दिन काल में तब 
हिन्दी का सूरज दिया दिखायी। 

पराधीन उस काल खण्ड में 
जन-जन का उद्गार छपा।....... 

तीस मई अट्ठारह सौ छब्बीस 
हिन्दी का परचम लहराया, 
"उद्दन्त मार्तण्ड " नाम पड़ा 
साप्ताहिक अखबार छपवाया। 

भ्रष्ट, क्रूर, व्यभिचारी, हिंसक 
अंग्रेजों का अत्याचार छपा।....... 

कोटि-कोटि नमन करता हूँ 
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का, 
उस सत्य के सत्यार्थी का 
प्रहरी, अन्वेषक आलम्ब का।

विचार विनिमय सफल हुआ, 
स्वतंत्रता का संचार छपा।.... 

मौलिक रचना -
डॉ० प्रभुनाथ गुप्त 'विवश' 
(सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेलवा खुर्द, लक्ष्मीपुर, जनपद- महराजगंज, उ० प्र०) मो० नं० 9919886297

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