जय -जय जय श्री हनुमान
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भक्तों के रक्षक हो
सकल गुणों की तुम खान हो
तेज तपस्वी महावीर तुम
जय -जय जय श्री हनुमान।
घर -घर पूजे जाते हो प्रभु
विद्या विनय सिद्धि दायक
रुद्र अशं हनुमन्त महान
जय -जय जय श्री हनुमान।
अरुण रंग और तरुण अंग
अंजनी सुत अभिनन्दन है
हर पल राम भक्ति में डूबे हो
जय -जय जय श्री हनुमान।
कष्ट निवारक करुणा नायक
भक्तों की सुनते हो तुम पुकार
ज्ञान ध्यान के योगी हनुमन्ता
जय -जय जय श्री हनुमान।
चरण शरण तुम्हारे आया हूँ
संकट को हर लो श्री हनुमान
हाथ जोड़ कर करता हूँ विनती
जय- जय जय श्री हनुमान।
अंजनी सुत हम शरण तुम्हारे
तुम्हें कोटि -कोटि वन्दन
बल बुद्धि विद्या के दाता
जय- जय जय श्री हनुमान।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
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