*बेटी है तो खुशियाँ हैं*
विधा : कविता
नसीब वाले होते है
वो घर परिवार।
जहाँ जन्म लेती
है बेटी।
परिवारों की जान
होती है बेटी।
घर की लक्ष्मी
होती है बेटी।
सुसराल में सीता
दुर्गा होती है बेटी।
दो कुलो की शान
होती है बेटी।।
बेटी की मोहब्बत को
कभी आजमाना नहीं।
वह फूल हैं उसे
कभी रुलाना नहीं।
पिता का तो गुमान
होती हैं बेटी।
जिन्दा होने की
पहचान होती है बेटी।
उसकी आंखे कभी
नम न होने देना।
उसकी जिन्दगी से कभी,
खुशियां कम न होने देना।।
उनगलि पकड़कर कल
जिसको चलाया था तुमने।
फिर उसको ही डोली
में बिठाया था तुमने।
बहुत छोटा सा सफ़र
होता हैं बेटी के साथ।
बहुत कम वक्त्त के लिए
वह होती हमारे पास।
असीम दुलार पाने की
हकदार है बेटी।
समझो तुम ईश्वर का
आशिर्वाद है बेटी।।
आज बेटी दिवस की सभी को बहुत बहुत शुभ कामनाएं और बधाई।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन "बीना" मुम्बई
26/09/2021
*कुछ तो सच्चाई है*
विधा : कविता
ज़माने में आये हो तो
जीने की कला को सीखो।
अगर दुश्मनों से खतरा है तो
अपनो पे भी नजर रखना।।
दुख के दस्तावेज़ हो
या सुख की वसीयत।
ध्यान से देखोगें तो नीचे
मिलेंगे स्वयं के ही हस्ताक्षर।।
बिना प्रयास के मात्र
हम नीचे गिर सकते है।
ऊपर उठ नहीं सकते...
यही गुरुत्वाकर्षण का नियम है।
और संसार में रहकर
जीवन जीने का तरीका है।।
ऊंचाई पर वो लोग पहुचते हैं,
जो ‘‘बदला‘‘ लेने की नहीं।
अपने में ‘‘बदलाव‘‘ लाने की
सोच को जिंदा रखते हैं।।
जो स्नेह दूसरों से मिलता है।
वह हमारे व्यवहार है।
सबसे बढ़ा उपहार वो है
जो इंसानियत को समझता है।
कभी-कभी तकलीफ में
भी मुस्कुराना पड़ता है।
ताकि हमें देखकर
कोई दुखी ना हो।।
मुस्कुराना सीखना पड़ता है।
रोना तो जन्म होते ही आ जाता हैं।
और जवान होते ही लोगों में।
अपना पराये की भावना आ जाती है।।
जीवन की सबसे
बड़ी सच्चाई क्या है।
देने के लिए दान,
लेने के लिए ज्ञान।
और त्यागने के लिए
अभिमान सर्वश्रेष्ठ है।
इन सूत्रों को आप अपने
जीवन में अपनाओगें तो..।।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन "बीना" मुंबई
26/09/2021
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें