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भास्कर सिंह माणिक

देश की समस्त बेटियों को समर्पित

                 बेटियां
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दुनियां में सबसे महान होती है बेटियां।
धैर्य त्याग की पहचान होती है बेटियां।।

ताकते है  बेटे  शिखर चढ़ती हैं बेटियां।
नूतन पृष्ठ  इतिहास के गढ़ती हैं बेटियां।
तूफान का भी रुख बदल देती हैं प्यार से।
माटी की आन शान पर लड़ती हैं बेटियां।

महाशक्ति का  वरदान होती हैं बेटियां।
धैर्य त्याग की पहचान होती है बेटियां।।

देवों  को  अपनी  गोद खिलाती है बेटियां।
वापस  प्राण  यमराज से  लाती हैं बेटियां।
वो  रूठे  स्वजन  मना  लेती हैं मनुहार से।
पल भर का नेह पा खिलखिलाती हैं बेटियां।

शाख जैसी कोमल सरस होती हैं बेटियां।
धैर्य  त्याग  की  पहचान होती है बेटियां।।


रण में  विजय  पताका फहराती हैं बेटियां।
 तम का  ग्रास कर प्रकाश फैलाती बेटियां।
तोड़कर बाधाओं को अपना फर्ज निभाती।
हंस क्रोध का भी सिंधु पी जाती हैं बेटियां।

माणिक सरिता समान तरल होती हैं बेटियां।
धैर्य  त्याग  की  पहचान  होती है बेटियां।।
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मैं घोषणा करता हूं कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
                 भास्कर सिंह माणिक,कोंच

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