वन्दना मां सरस्वती
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मां वीणापाणि सरस्वती
भावों में ऊंची उड़ान दो,
लेखनी में शक्ति दो
विचारों में पवित्रता दो,
वाणी में मधुरता दो
सुरभित हो ये सारा जहाँ,
विचलित मन को स्थिरता दो
दूर करो मेरी सब दुविधा।
ममतामयी हे मां सरस्वती
ज्ञान अमृत पिला दो मां,
हम चले नेह की राह पर
इस दुर्बल काया में शक्ति दो,
बहके न मेरे कभी कदम
विचलित न हो कभी मन,
मां हमको तुम तार देना
मां सरस्वती हमको ऐसी देना।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उतराखंड
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