सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कालिका प्रसाद सेमवाल

*माँ जीवन की आराधना है*
*****
माँ रामचरितमानस की चौपाई है,
गीता  के   उपदेश  जैसी   है!
कविता  के   अंलकार  जैसी  है,
माँ     एक    पवित्र   नाम  है।

माँ सरस्वती जैसी विद्या की देवी है,
ज्ञानी और  विज्ञानी   दोनों है!
करुणा की  करुण  कहानी है,
श्रद्धा , ममता का भण्डार होती है।

माँ मंदिर की मधुर ध्वनि होती है,
भगवान  का  प्रसाद  होती  है!
मोहक स्वरों   का सरगम होती है,
माँ   सारा   दुख   हर   लेती    है।

माँ  इन्सानियत  का  रुप होती है,
त्याग   की   प्रतिमूर्ति   होती है!
माथे  की  चन्दन   जैसी  होती  है,
चिलचिलाती धूप में माँ छाँव होती है।

त्याग और बलिदान का रुप होती है,
माँ में  असीम   शक्ति   होती  है!
हौंसला      बढा़ती     रहती   है,
माँ  मन  का भाव  पढ़  लेती है।

माँ जिन्दगी की सही परिभाषा है,
जिन्दगी का  सुहावना  सफर  है!
संस्करों   की  गंगोत्री  होती है,
माँ ही जीवन की आराधना है।
★★★★★★★★★★
कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग     उत्तराखंड

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

डा. नीलम

*गुलाब* देकर गुल- ए -गुलाब आलि अलि छल कर गया, करके रसपान गुलाबी पंखुरियों का, धड़कनें चुरा गया। पूछता है जमाना आलि नजरों को क्यों छुपा लिया कैसे कहूँ , कि अलि पलकों में बसकर, आँखों का करार चुरा ले गया। होती चाँद रातें नींद बेशुमार थी, रखकर ख्वाब नशीला, आँखों में निगाहों का नशा ले गया, आलि अली नींदों को करवटों की सजा दे गया। देकर गुल-ए-गुलाब......       डा. नीलम

डॉ. राम कुमार झा निकुंज

💐🙏🌞 सुप्रभातम्🌞🙏💐 दिनांकः ३०-१२-२०२१ दिवस: गुरुवार विधाः दोहा विषय: कल्याण शीताकुल कम्पित वदन,नमन ईश करबद्ध।  मातु पिता गुरु चरण में,भक्ति प्रीति आबद्ध।।  नया सबेरा शुभ किरण,नव विकास संकेत।  हर्षित मन चहुँ प्रगति से,नवजीवन अनिकेत॥  हरित भरित खुशियाँ मुदित,खिले शान्ति मुस्कान।  देशभक्ति स्नेहिल हृदय,राष्ट्र गान सम्मान।।  खिले चमन माँ भारती,महके सुरभि विकास।  धनी दीन के भेद बिन,मीत प्रीत विश्वास॥  सबका हो कल्याण जग,हो सबका सम्मान।  पौरुष हो परमार्थ में, मिले ईश वरदान॥  कविः डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" रचना: मौलिक (स्वरचित)  नई दिल्ली

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में  सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...