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एस के कपूर श्री हंस

। जाने किसी की दुआ कब*
*जिन्दगी के काम आ जाये।।*
*।।विधा।।मुक्तक।।*
1
एक दिन तो सब को ही
जाना है।
छूट जायेगा यहीं पर सारा
ताना बाना है।।
अमर नहीं जीवन बस
करो कर्म अच्छे।
गिनती की सांसें गिनती
का ठिकाना है।।
2
जब आता बुलावा चलता
नहीं बहाना है।
इस सृष्टि का यह सच यही
फसाना है।।
इसलिए कहते कि करो
कुछ उपकार भी।
प्रभु के पास जाकर वह
हिसाब दिखाना है।।
3
गिने हुये श्वास का ही यह
सारा खेल है।
नहीं किया मेल सबसे तो
होगा सब बेमेल है।।
यह दुनिया का मेला मिला
है बहुत सौभाग्य से।
पानी के बुलबुले सी यह
जीवन रेल है।।
4
जाने कब जिन्दगी की
शाम आ जाये।
जाने का बुलावा उसका
पैगाम आ जाये।।
सबसे बना कर रखो दिल
की नेक नियत से।
जाने किसकी दुआ जिंदगी
के काम आ जाये।।
*रचयिता।।एस के कपूर '"श्री हंस'"*



*।।सफलता का मंत्र जनाब,*
*आँखों में ख्वाब और हों*
*कोशिशें बेहिसाब।।*
*।।विधा।। मुक्तक।।*
1
सीने में जोश और बस
आँखों में ख्वाब रखो।
हज़ारों हों उलझनें पर
कोशिश बेहिसाब रखो।।
रवानगी का नाम ही तो
जिन्दगानी है।
बस बना कर उम्मीद
और हौंसला जनाब रखो।।
2
बुरा वक्त हमको हमारी
ताकत को बताता है।
कौन अपना कौन पराया
इसको वो जताता है।।
हार से भी मिलता है
अनुभव बेमिसाल।
समय कठिन हमारी
छिपी शक्ति दिखाता है।।
3
संघर्षों कीअग्नि में व्यक्ति
तपता और निखरता है।
जो हार गया मन से वो
फिर बिखरता है।।
तप कर जैसे कि सोना
बनता है कुंदन।
वैसे ही कठनाई से हो
कर आदमी संवरता है।।
4
शूल और फूल से होकर
जो गुज़र लेता है।
धूप और छाँव में नहीं
जो सबर खोता है।।
पाँव जलते हों लेकिन
रुकता नहीं सफर में।
कैसी हो परिस्थिति वो
जीत की खबर देता है।।

*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।*
*©. @. skkapoor*
*सर्वाधिकार सुरक्षित*

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