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डॉ0 हरि नाथ मिश्र

दोहा गीत
          दोहा गीत(चीन के लिए चेतावनी)
भारत की प्रभुता अमिट, नहीं किसी आधीन।
हिंद-सैन्यबल अति सबल,बचकर रहना चीन।।

करो नहीं तुम मूढ़ता,सीमा को मत तोड़।
चाल तुम्हारी अति घृणित,अब ज़िद अपनी छोड़।।
पुनः किया गतिरोध तो, सत्ता  लेंगे  छीन।
हिंद-सैन्यबल अति सबल,बचकर रहना चीन।।

तेरी शोषण-नीति अब,नहीं करेगी काम।
तेरी झूठी शान का,होगा काम तमाम।।
सुनो खोल के कान तुम,नहीं हिंद है हीन।
हिंद-सैन्यबल अति सबल,बचकर रहना चीन।।

अब तो तेरी चीन सुन,नहीं गलेगी दाल।
समझ गया यह हिंद अब,तेरी टेढ़ी चाल।।
सीमा-रेखा लाँघ कर,कर न पाप संगीन।
हिंद-सैन्यबल अति सबल,बचकर रहना चीन।।

एक-एक को खींचकर, मारेंगे ये वीर।
समर-कला में निपुण अति, सब सैनिक गंभीर।।
विविध आयुधी-ज्ञान में,सेना सभी प्रवीन।
हिंद-सैन्यबल अति सबल,बचकर रहना चीन।।

तुम लोलुप,अति कुटिल तुम,यह तेरी पहचान।
मानवता को त्याग कर,मिथ्या धन-अभिमान।।
मानवता-उपकार ही, हिंद-मूल्य  -प्राचीन ।
हिंद-सैन्यबल अति सबल,बचकर रहना चीन।।
               ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                   9919446372

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