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संजय जैन बीना

*होली का रंग*
विधा : कविता

तुम्हें कैसे रंग लगाएं,
और कैसे होली मनाएं ?
दिल कहता है होली,
एक-दूजे के दिलों में खेलो
क्योंकि बहार का रंग तो,
पानी से धुल जाता है
पर दिल का रंग दिल पर,
सदा के लिए चढ़ा जाता है॥

प्रेम-मोहब्बत से भरा,
ये रंगों का त्यौहार है।
जिसमें राधा कृष्ण का,
स्नेह प्यार बेशुमार है।
जिन्होंने स्नेह प्यार की,
अनोखी मिसाल दी है।
और रंग लगा कर,
दिलों की कड़वाहट मिटाते हैं॥

होली आपसी भाईचारे,
और प्रेमभाव को दर्शाती है।
और सात रंगों की फुहार से,
सात फेरों का रिश्ता निभाती है।
साथ ही ऊँच-नीच का,
भेदभाव मिटाती है।
और लोगों के हृदय में,
भाईचारे का रंग चढ़ाती है॥

आप सभी को होली की मंगल शुभ कामनाएं और बधाई। 

जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
18/03/2022

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