रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...
उससे हम क्यों भला दिल लगाया करें। जिसके भाई पहलवानी कराया करें।। उसका चेहरा भी चांद सा प्यारा लगे, पर भाई उसके हैं जैसे अंगारा जले। प्यार में पड़ गये तो जां चली जायेगी, ऐसे रिश्ते से बचके किनारे चलें।। दिल को क्यों बेवजह तड़पाया करें? जिसके भाई पहलवानी कराया करें। उस गली में कदम क्यों रखें हम कभी, जिसके भाइय ने घूरा डरे हम सभी। हिम्मत तो थी पर थी जां भी तो प्यारी, उसके भाई हैं अखाड़े के अधिकारी। अपनी हड्डियां क्यों तुड़वाया करें? जिसके भाई पहलवानी कराया करें।। प्यार में पड़ गये तो बड़ा रिस्क है उसके भाई जमीं के खिसका डिस्क है। फंस गये जो अगर तो गए काम से, भाई उसके निपट लेंगे बड़े आराम से। हम जवानी को यूं ही क्यों जाया करें, जिसके भाई पहलवानी कराया करें।। उससे हम क्यों भला दिल लगाया करें। जिसके भाई पहलवानी कराया करें।। - दयानन्द त्रिप...