हर किसीके दिल में एक घर* *बनाना सीखो ।।* *।।विधा ।। मुक्तक।।* 1 हर दिल में तुम इक घर बनाना सीखो। किसी के दर्द के लिए दवा बन जाना सीखो।। तेज आवाज नहीं ऊंची बात कहो तुम। वक्त रहते ही सही गलत आजमाना सीखो।। 2 आँखों और दिल की जुबां पढ़ना सीखो। बिना सीढ़ी के तुम ऊपर चढ़ना सीखो।। तुम्हारी किस्मत बनती है प्रारब्ध और कर्म से। अपना भाग्य तुम खुद ही गढ़ना सीखो।। 3 धारा के विपरीत भी तुम चलना सीखो। संघर्ष अग्नि में तुम तपना गलना सीखो।। तेरे अंदर की क्षमता निकल कर आये बाहर। हो लाख रुकावटें तुम आगे बढ़ना सीखो।। 4 विनम्र वि...